जब एक शिशु जन्म लेता है तब वह कुछ संस्कार अपने पिछले जन्म से लेकर निश्चित ही आता है लेकिन बाकि के संस्कार वो यँहा आने के बाद पाता है, कुछ संस्कार तो उसे अपने जन्मदाता से जन्मजात मिलता है, कुछ संस्कार उसके माता-पिता देते हैं, कुछ उसके आस-पास का वातावरण उसको देता है लेकिन कुछ संस्कार ऐसे होते हैं जो वो खुद सीखता है या पाता है अपने जीवन से।
और जीवन से सीखा हुआ संस्कार ही शायद जीवन में बुरी परिस्थितियों से लड़ना सिखाता है।

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