Friday, 21 October 2016
Sunday, 9 October 2016
संपूर्णता...
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हम अक्सर अपने आस-पास कई ऐसे लोग देखते हैं जिन्हें हमारी जरुरत होती है लेकिन हम उन्हें एकदम से अनदेखा करते हुए निकल जाते हैं। जरा सोचिये! अगर हम में से हर कोई ऐसा ही करने लगे तो हमारे अच्छी स्थिति में होने का क्या मतलब जब हम अपने अच्छी स्थिति से दुसरो की कोई मदद ही ना कर पाएं।हम तभी संपूर्ण होंगे जब हम अपनी संपूर्णता से जरूरतमंद की मदद करें वरना हम संपूर्ण तो होंगे लेकिन उसका कोई अर्थ नहीं होगा।
Saturday, 8 October 2016
अच्छे लोग...
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ये एक कड़वा सत्य है के हम सभी अपने आस-पास मौजूद अच्छे लोगों की क़द्र नहीं करते जबकि वे हमेशा हमारी मदद करते हैं, सुख में दुःख में, हर परिस्थिति में साथ रहते हैं। हम उनका मोल समझ ही नहीं पाते हैं। लेकिन जैसे ही वो हमारे जीवन से दूर चले जाते हैं हमें उनकी अच्छाई का एहसास होने लगता है। हमें इस बात का एहसास हो जाता है के उनके बिना हमारा जीवन अधूरा है।
अच्छे लोग भोजन में नमक की तरह होते हैं उनकी मौजूदगी का अहसास इतना नहीं होता पर गैर मौजूदगी सारे भोजन का स्वाद ख़राब कर देती है।
ये अच्छे लोग हमारे जीवन में किसी भी रूप में हो सकते हैं- माँ-बाप के रूप में या फिर भाई-बहन के रूप में, जीवनसाथी के रूप में या फिर दोस्त के रूप में।
ये अच्छे लोग हमारे जीवन से चले जाये, उस दिन का इन्तेज़ार ना करें बल्कि इन्हें वो सम्मान और प्रेम दें जिनके ये हक़दार हैं।
हालाकिं ये ऐसा कुछ की उम्मीद नहीं रखते क्योंकि बिना हम से कुछ लिए भी ये हमारे साथ वैसा ही व्यवहार करेंगे जैसा ये अबतक करते आये हैं क्योंकि ये लेन-देन से पड़े होते हैं।
बस हमे इस बात का अफ़सोस इनके चले जाने के बाद ना हो के हम इन्हें वो नहीं दे पाये जो इन्हें मिलना चाहिए था।
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Friday, 7 October 2016
Three Golden Rules of Life...
Three Golden Rules of Life...
जो आपकी सहायता कर रहा है उसे कभी न भूले I
जो आपको प्यार कर रहा है उससे नफरत न करे I
जो आप पर विश्वास कर रहा है उसको धोखा न दे I
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Who is Helping You, Don’t Forget them.
Who is Loving you, Don’t Hate them .
Who is Believing you, Don’t Cheat them.
- स्वामी विवेकानंद
Thursday, 6 October 2016
निंदा...
किसी की निंदा ना करें। अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये।
Condemn none: if you can stretch out a helping hand, do so. If you cannot, fold your hands, bless your brothers, and let them go their own way.
-Swami Vivekananda
-Swami Vivekananda
Wednesday, 5 October 2016
संस्कार...
जब एक शिशु जन्म लेता है तब वह कुछ संस्कार अपने पिछले जन्म से लेकर निश्चित ही आता है लेकिन बाकि के संस्कार वो यँहा आने के बाद पाता है, कुछ संस्कार तो उसे अपने जन्मदाता से जन्मजात मिलता है, कुछ संस्कार उसके माता-पिता देते हैं, कुछ उसके आस-पास का वातावरण उसको देता है लेकिन कुछ संस्कार ऐसे होते हैं जो वो खुद सीखता है या पाता है अपने जीवन से।
और जीवन से सीखा हुआ संस्कार ही शायद जीवन में बुरी परिस्थितियों से लड़ना सिखाता है।
Tuesday, 4 October 2016
Sacrifice...
दो दिल आसानी से एक नहीं हो सकतें क्योंकि दोनों ही दिलों में एक दूसरे के लिए कोई जगह नहीं होती। ये जगह तो हमें, एक दूसरे से मिलने के बाद एक दूसरे के लिए बनानी पड़ती है ।
दोनों ही दिल अपनी-अपनी जगह पर अपनी ज़िन्दग़ी से जुड़ी सबसे खास चीज को sacrifice करते हैं तब जाकर दोनों दिलों में थोड़ी जगह बनती है जँहा दोनों दिल एक दूसरे को जगह दे पाते हैं।
और ये sacrifices हम कोई सोच समझकर नहीं करते वो तो खुद-व-खुद हो जाता है।
बस थोड़ा ध्यान और इत्मिनान से सोचिये के हमने किसी को दिल में जगह देने के लिए क्या sacrifices किये हैं? और ऐसा ही कोई sacrifice सामने वाले ने भी किया है।
Saturday, 1 October 2016
हम तन्हा नहीं होते जब हम तन्हा होते हैं...
हम तन्हा नहीं होते जब हम तन्हा होते हैं...
अक्सर हम जब अकेले होते हैं तब हम ये सोच कर निराश हो जाते हैं के हम बिल्कुल अकेले हैं, हमारे साथ कोई नहीं है लेकिन अगर हम अपनी तन्हाई को ही अपना साथी बना लें तो हम फिर शायद अकेले नहीं रह जायेंगे।
हमारे जीवन की खुशियों में तो हर कोई शामिल हो जाता है लेकिन जब दुःख की बाड़ी आती है तो उस समय तन्हाई के अलावा और कोई नहीं होता हमारे साथ।
हमारे जीवन में हर कोई हमारा साथ छोड़ कर जा सकता है लेकिन हमारी तन्हाई हमेशा हमारे साथ साथ रहेगी।
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