ईश्वर की प्रार्थना का अर्थ ये कभी नहीं हो सकता है के...हम कुछ सब्दों या पंक्तियों को केवल दोहराएं।
बल्कि प्रार्थना का अर्थ ये हो सकता है के...या तो हम उन शब्दों तथा पंक्तियों का अर्थ समझ कर शांत चित्त से अपने ईश्वर को याद करें, या फिर... बिना कुछ कहे
बस ह्रदय से अपने ईश्वर को याद कर लें।
क्योंकि हमें अपने ईश्वर से कुछ कहने की जरूरत ही नहीं होती। एक वही तो है जो हमारे बारे में सब जानता है।

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