Thursday, 8 September 2016
वक़्त...
जिस तरह वक़्त हमें बीच समंदर के लहरों से
किनारे पे ला सकता है उसी तरह वक़्त हमें किनारे से बीच समंदर में भी पहुंचा सकता है।
इसलिए हमें खुद को कभी भी ताक़तवर नहीं समझना चाहिए क्योंकि वक़्त से ज्यादा ताक़तवर कोई भी नहीं होता।
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