इंसान जितनी सहजता से सलाह देता है उतनी सहजता से और कुछ नहीं दे पाता।
- रोचेफ़ोकोल्ड
ये एक हास्यास्पद बात है के हम किसी को भी आसानी से सलाह दे देते हैं लेकिन बात जब मदद की आती है तो उतनी ही आसानी से पीछे हट जाते हैं।
दरअसल हम जो भी हों, जैसे भी हों, जहाँ कहीं भी हो, जिस भी स्थिति में हों, किसी को सलाह देने की स्थिति में जरूर होते हैं और इसके लिए हमेशा तत्पर भी होते हैं। और कमाल की बात तो ये है कि कभी कभी हम बिना मांगे भी सलाह दे देते हैं या यूँ कहें कि हम अक्सर बिना मांगे ही सलाह दे डालते हैं।
एक बार एक चाय की दुकान पे कुछ लोग बैठ कर चाय पी रहे थें और साथ ही देश की अर्थब्यबस्था पर चर्चा भी कर रहे थें। वहाँ बैठे सभी लोग देश के प्रधानमंत्री को सलाह दे रहे थें के उनको देश के लिए क्या क्या करना चाहिए और कैसे कैसे करना चाहिए। तभी दुकान में लगे रेडियो में देश के प्रधानमंत्री का संदेश आने लगा। प्रधानमंत्री जी ने सभी देशवासीयो से अपील की के देश की तरक्की तभी सम्भव है जब हम सभी सही समय पे सही टैक्स पूरी ईमानदारी से सरकार को दें।
इतना सुनते ही वहाँ बैठे सभी लोग चुप चाप उठे और वहाँ से निकल गए।
कुछ देर पहले जितनी सहजता से सभी प्रधानमंत्री जी को मुफ़्त की सलाह दे रहे थें उतनी ही सहजता से सभी उनके अपील को अनसुना कर दिए।

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