हमें अपने शब्दों को बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए, अपनी आवाज़ को नहीं।
हमें अपने शब्दों को बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए, अपनी आवाज़ को नहीं।
बेशक़ हम अपनी आवाज़ को बढ़ा कर लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं लेकिन ये आकर्षण
थोड़े देर के लिए ही होगा।
लेकिन अगर हम अपने शब्दों को बढ़ाते हैं तो ये शब्द हमें एक पहचान देती है। एक ऐसी पहचान जो हमारे इस दुनिया में ना रहने पर भी लोगों की यादों में हमेशा ही ज़िंदा रहेगी।

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