तो रास्ते में हमे कोई ऐसा मिल जाता है जो हमें हमारे सपने से भी ज्यादा अच्छा लगने लगता है।
और फिर हमारे जीवन का मकसद ही बदल जाता है।
जिस राह हमे जाना होता है उसे छोड़ हम उस हसीं ख्वाब को पाने के लिए उस राह की ओर चल परते हैं। बिना ये सोचे के क्या वो राह सही है या नहीं ? बिना ये सोचे के क्या वो ख्वाब वो सपना पूरा होगा या नहीं ?
रस्ते में भले ही कितनी कठिनाई क्योँ ना आ जाये हम वो रास्ता नहीं छोड़ते।
जो भी हो, मगर उस रस्ते जाना बड़ा मज़ेदार होता है।
शायद दुनिया की हर ख़ुशी उस ख्वाब के लिए, उस रस्ते के लिए कुर्वान ।
क्या सही है, क्या गलत नहीं पता ।
मगर एक बार उस राह पे चलकर उस ख्वाब को पूरा करने की कोशिश करने में कुछ गलत नहीं लगता चाहे भले वो ख्वाब हक़ीक़त हो या नहीं।

A very beautiful line u write
ReplyDeleteA very beautiful line u write
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